The smart Trick of Shodashi That Nobody is Discussing

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The mantra seeks the blessings of Tripura Sundari to manifest and satisfy all wished-for results and aspirations. It can be thought to invoke the combined energies of Mahalakshmi, Lakshmi, and Kali, with the last word aim of attaining abundance, prosperity, and fulfillment in all facets of life.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥९॥

कामेश्यादिभिरावृतं शुभ~ण्करं श्री-सर्व-सिद्धि-प्रदम् ।

Shiva made use of the ashes, and adjacent mud to yet again form Kama. Then, with their yogic powers, they breathed existence into Kama in such a way that he was animated and very capable of sadhana. As Kama continued his sadhana, he step by step received electric power more than others. Totally acutely aware of the possible for troubles, Shiva performed together. When Shiva was questioned by Kama for any boon to have fifty percent of the power of his adversaries, Shiva granted it.

The devotion to Goddess Shodashi can be a harmonious blend of the pursuit of attractiveness and The hunt for enlightenment.

अष्टारे पुर-सिद्धया विलसितं रोग-प्रणाशे शुभे

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

The above mentioned just one is not a story but a legend along with a reality since the particular person blessed by Sodhashi Tripur click here Sundari, he becomes the regal person. He achieves anything because of his knowledge, wish and workmanship.

हार्दं शोकातिरेकं शमयतु ललिताघीश्वरी पाशहस्ता ॥५॥

सावित्री तत्पदार्था शशियुतमकुटा पञ्चशीर्षा त्रिनेत्रा

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach

संकष्टहर या संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत विधि – sankashti ganesh chaturthi

Lalita Jayanti, a major Pageant in her honor, is celebrated on Magha Purnima with rituals and communal worship events like darshans and jagratas.

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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